India-China Border: LAC की इस्थिती सामान्य होने की ओर, सेनाओं का डिसइंगेजमेंट शुरू, 4 5 दिनों में दुबारा हो सकती है पेट्रोलिंग की शुरुआत

डेपसांग इलाके में चीनी सेना ने टेंट तो नहीं लगाए हैं, लेकिन उन्होंने अपने वाहनों के बीच तिरपाल का इस्तेमाल कर अस्थायी आश्रय तैयार किए हैं। गुरुवार को चीनी सेना ने इलाके में अपनी गाड़ियों की संख्या घटा दी है और भारतीय सेना ने भी कुछ जवानों की तैनाती कम कर दी है। यह प्रक्रिया पूरी होते ही अगले 4-5 दिनों में डेपसांग और डेमचौक में फिर से पेट्रोलिंग शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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भारत-चीन के बीच डिसइंगेजमेंट पर सहमति

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, डेपसांग और डेमचौक में स्थानीय कमांडर इसकी निगरानी कर रहे हैं। बुधवार को डेमचौक में दोनों सेनाओं ने अपने-अपने एक तंबू को हटा दिया है। गुरुवार को कुछ और अस्थायी ढांचे भी हटा दिए गए है।

डेमचौक में भारतीय सेना ने चार्डिंग नाला के पश्चिमी हिस्से की ओर पीछे हटना शुरू कर दिया है, जबकि चीनी सैनिक नाले के पूर्वी हिस्से की ओर जा रहे हैं। दोनों तरफ करीब 10 12 अस्थायी ढांचे और लगभग 12 तंबू मौजूद हैं, जिन्हें हटाने की तैयारी हो रही है।

दुबारा शुरू हो सकती है पेट्रोलिंग

चीनी सेना ने डेपसांग में गाड़ियों के बीच अस्थायी आश्रय बना रखे हैं क्योंकि उनके पास टेंट नहीं हैं। गुरुवार को उन्होंने इलाके में अपने वाहनों की संख्या घटा दी है। और भारतीय सेना ने भी अपने कुछ सैनिक वापस बुला लिए है। अगले 4 5 दिनों में यहां फिर से गश्त शुरू होने की संभावना लग रही है।

क्या है नया समझौता

भारत और चीन ने अपने सैनिकों को पीछे हटाने और पेट्रोलिंग की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर सहमति बनाई है। यह समझौता खास तौर पर डेपसांग और डेमचौक इलाकों में लागू होगा। रिपोर्ट्स के हिसाब से दोनों देशों ने इन इलाकों में गश्त फिर से शुरू कर दी है और जल्द ही सैनिकों की वापसी का काम शुरू हो जाएगा, जिसे मिलिट्री टर्म में “डिसइंगेजमेंट” कहा जाता है।

पीएम मोदी की यात्रा से पहले हुई बातचीत

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से पहले भारत और चीन के बीच पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर सहमति बनी थी। यह सहमति पूर्वी लद्दाख में 2020 से चले आ रहे तनाव के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये घटनाक्रम 22 23 अक्टूबर को हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले सामने आया है।

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