पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल बाद खोला गया।

12 सदस्यीय टीम ने चार लकड़ी के चेस्ट शिफ्ट किए।

आंतरिक कक्ष में बहुमूल्य आभूषण रखे गए हैं।

टीम ने अस्थायी मजबूत कक्ष में चेस्ट सुरक्षित रखे।

समय की कमी के कारण चेस्ट नहीं खोले गए।

आंतरिक कक्ष की चाबियाँ गायब होने का मुद्दा।

न्यायिक जांच रिपोर्ट पर 22.27 लाख रुपये खर्च हुए। 

रत्न भंडार की संरचना एक मंदिर जैसी दिखती है।