Vedanta share price: हर एक शेयर पर मिलेगा डिविडेंड,, वेदांता लिमिटेड ने दिया इन्वेस्टर्स को धांसू तोहफा

नमस्कार दोस्तों, आज की सुबह Vedanta share price से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है, जिस्से Vedanta Limited के निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। दोस्तों कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 4 रुपये प्रति शेयर के दूसरे अंतरिम डिविडेंड को सहमति दे दी है। इस धमाकेदार अनाउंसमेंट के साथ ही वेदांता ने 1,564 करोड़ रुपये का भुगतान करने का डिसीजन भी लिया है।

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Vedanta share price पर तगड़ा मुनाफा
Vedanta share price पर तगड़ा मुनाफा

Vedanta share price: माइनिंग और मेटल से जुड़ी वेदांता लिमिटेड ने एक बार फिर डिविडेंड देने का ऐलान किया है। दोस्तों कंपनी ने शुक्रवार 27 July को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 4 रुपये प्रति शेयर के दूसरे अंतरिम डिविडेंड को मंजूरी दी है। इसके जरिए वेदांता कंपनी 1,564 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। आप को बता दें की, वेदांता ने रीसेन्ट ही में कंपनी ने कहा था कि डिविडेंड के भुगतान के लिए रिकॉर्ड डेट शनिवार, 3 अगस्त, 2024 रख्खी गई है।

Vedanta share price पर बड़ी खबर

इस खबर के आते ही हमे वेदांता के शेयरों (Vedanta share price) में शुक्रवार को बड़ी तेजी देखने को मिली है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन इस कंपनी के शेयर 3% से ज्यादा चढ़कर 448 रुपये तक पहुंच गए। कारोबार के अंत में शेयर 444.70 रुपये पर बंद हुए, जो पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले 2.98% ज्यादा था।

गोल्ड माइंस के निजीकरण पर अनिल अग्रवाल ने दिया बयान

इस बीच, Vedanta Limited के मालिक अनिल अग्रवाल ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने बताया है कि अगर भारत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों भारत गोल्ड माइंस और हट्टी गोल्ड माइंस का निजीकरण कर दे तो देश सोने का प्रमुख उत्पादक बन सकता है। वेदांता के चेयरमैन अग्रवाल जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा है कि हम अपनी गोल्ड की आवश्यकता का 99.9 प्रतिशत आयात करते हैं। अगर बड़े पैमाने पर निवेश किया जाए तो हम सोने के बड़े उत्पादक और रोजगार का बड़ा स्रोत बन सकते हैं।

निजीकरण के लिए होनी चाहिए तीन शर्तें

अनिल अग्रवाल ने कहा कि निजीकरण तीन शर्तों पर होना चाहिए। पहली, कोई छंटनी नहीं होनी चाहिए। दूसरी, कर्मचारियों को कुछ शेयर दिए जाने चाहिए। तीसरी, परिसंपत्तियों को अलग-अलग हिस्सों में बांटने का कोई प्रयास किए बिना यह किया जाना चाहिए।

उनके अनुसार गवर्मेंट को भारत में तांबा कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में भी अपने शेयर बेचने चाहिए। अनिल जी का कहना है कि गोल्ड और तांबे के इम्पोर्ट में 10 प्रतिशत की कमी से भी 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत की जा सकती है। इससे सरकार को 3,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त योगदान मिल सकता है और हम कम से कम 25,000 नौकरियों को दे सकते हैं

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