Brain AI Chip: भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसी चिप तैयार की है. चिप दिमाग की तरह काम करती है. यह नई खोज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में क्रांति ला सकती है. बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) की द्वारा बनाया गया ये चिप 16,500 तरीकों से डेटा स्टोर और प्रोसेस कर सकती है. ये रिसर्च प्रसिद्ध जर्नल ‘नेचर’ में पब्लिश हुई है.
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नई तकनीक करेंगी बड़ा बदलाव
Artificial Intelligence Chip: यह चिप न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग नाम की तकनीक पर बनी है और ये दिमाग की नकल करती है. ये टेक्नोलॉजी प्रेजेंट कंप्यूटरों के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकती है. आज के कंप्यूटर केवल प्रोग्रामिंग के अनुसार काम करते हैं पर यह चिप अपने आसपास के माहौल से सीख सकती है. बिल्कुल अपने दिमाग की तरह।
किसने की ये रिसर्च
इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व श्रीतोष गोस्वामी ने किया है जिनके साथ नवकांत भट दीपक शर्मा और अन्य वैज्ञानिकों की टीम थी. इस प्रोजेक्ट में टेक्सास एंड एम यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ लिमरिक, आयरलैंड के वैज्ञानिकों ने भी मदद की है.
AI की बड़ी प्रोब्लेम्स सौल्व होंगी
इस तकनीक के आने से एआई की दो मुख्य प्रॉब्लम्स हार्डवेयर की कमी और बिजली की खपत को कम किया जा सकता है. ये चिप बहुत कम इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करता है और इसका डिज़ाइन प्रोफेसर श्रीब्रत गोस्वामी ने किया है।
क्या होगी अगली दिशा
प्रोफेसर नवकांत भट ने कहा कि यह तकनीक भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत गेम-चेंजर साबित हो सकती है. अब आईआईएससी की टीम एक इंटीग्रेटेड न्यूरोमॉर्फिक चिप बनाने पर काम कर रही है जो देश को तकनीकी नेतृत्व की दिशा में और आगे ले जाएगी.
भारत की बड़ी भूमिका
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह नई रिसर्च भारत को वैश्विक एआई हार्डवेयर विकास में अग्रणी बना सकती है. ये पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है, और सही फंडिंग के साथ इसे एक बड़ा प्रोजेक्ट बनाया जा सकता है.
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